धनबाद:बैंक मोड़ ओवरब्रिज के मेंटनेंस के लिए अब जनवरी में वन वे ट्रैफिक




धनबाद: बैंक मोड़ ओवरब्रिज का मेंटनेंस अब नए साल में ही हो सकेगा। इसके लिए ओवरब्रिज पर ट्रैफिक को वन-वे करने या आवागमन पूरी तरह बंद की जरूरत है। लेकिन, क्रिसमस की छुट्टियां, सेलिब्रेशन और नए साल के जश्न को देखते हुए यह अभी संभव नहीं दिख रहा। इन दिनों में बड़ी संख्या में लोग परिवार के साथ घूमने-फिरने निकलते हैं। शहर के एक से दूसरे हिस्से में वाहनों से आना-जाना काफी बढ़ जाता है। ऐसे में ओवरब्रिज की एक लेन को भी बंद करने पर अव्यवस्था और जाम का सामना करना पड़ सकता है। इसे देखते हुए मेंटनेंस को फिलहाल टाल दिया गया है। ट्रैफिक डीएसपी अरविंद कुमार सिंह का कहना है कि पथ निर्माण विभाग (आरसीडी) के प्रस्ताव के मुताबिक, मेंटनेंस वर्क दो स्तरों पर किया जाना है। पहले ज्वाइंट की मरम्मत की जानी है, जिसके लिए ट्रैफिक को वन-वे करने की जरूरत है। दूसरे स्तर पर बेयरिंग बदलने के लिए ब्लैबों को पूरी तरह उठाना पड़ेगा। इसके लिए ओवरब्रिज से आवागमन को पूरी रह बंद करना होगा। इन दोनों बिंदुओं अगले 10 दिनों में स्थिति स्पष्ट हो ने की उम्मीद है। सभी विभाग सहमत तो जनवरी के दूसरे सप्ताह में मेंटनेंस शुरू हो सकता है…

बैंक मोड़ ओवरब्रिज के मेंटनेंस पर 12-13 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। भोपाल की ठेका कंपनी सैनफील्ड प्रालि को सितंबर 2024 में ही यह काम पूरा कर लेना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब करार की अवधि समाप्त हो गई है। । इससे ठेका कंपनी के हर बिल पर 10% की कटौती कर भुगतान किया जा रहा है। कंपनी ने अवधि विस्तार के लिए पथ निर्माण विभाग को लिखा है, पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।समय सीमा बताने पर ही अवधिM विस्तार मिलना संभवपथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता मिथिलेश प्रसाद कहते हैं कि ठेका कंपनी से अवधि विस्तार का प्रस्ताव मिला है, पर उसने यह नहीं बताया कि काम कम तक पूरा होगा। अवधि बताए बिना अवधि विस्तार के प्रस्ताव पर राज्य सरकार से अनुमति मिलना संभव नहीं है। कंपनी से इस पर चर्चा की जाएगी..

हीरापुर, बरमसिया से हटाई गईं दुकानें फिर लगने लगीं

इधर, बैंक मोड़ ओवरब्रिज को बंद या वन-वे करने के लिए ट्रैफिक को हीरापुर, बरमसिया होकर डायवर्ट करना था। इसके लिए हीरापुर हटिया स्थित हनुमान मंदिर से लेकर बरमसिया ओवरब्रिज तक सड़क से नगर निगम ने अवैध दुकानों व अन्य तरह के अतिक्रमण को हटाया था। लेकिन, अस्थायी दुकानें और गुमटियां फिर लगने लगी हैं। नगर निगम प्रशासन भी बेपरवाह नजर आ रहा है।

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